एटीएम का फुल फॉर्म
नमस्कार दोस्तों आपने अपने
जीवन में एटीएम मशीन या एटीएम कार्ड का नाम जरूर सुना होगा साथ ही बहुत से दोस्तों
ने एटीएम का उपयोग भी किया होगा| ATM संपूर्ण विश्व में एटीएम का उपयोग प्रतिदिन
बढ़ता जा रहा है। लेकिन क्या आपको एटीएम का फुल फॉर्म पता है ?क्या आपको पता है
एटीएम को बनाने वाले वैज्ञानिक का नाम क्या था इत्यादि बहुत सारे रोचक तथा
महत्वपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल के द्वारा आपको बताने जा रहे हैं ।
एटीएम का फुल फॉर्म / एटीएम फुल फॉर्म इन हिंदी
ATM का फुल फॉर्म कुछ इस प्रकार से है
ATM = Automated Teller Machine
A= Automated
T= Teller
M= Machine
Automated Teller Machine (ATM) का हिंदी में अनुवाद स्वचालित टेलर मशीन होता है। इसका प्रयोग
ठीक उसी प्रकार होता है , जिस प्रकार आप अपने खाता से नकदी निकालने के लिए अपने नजदीकी
बैंक शाखा में जाते हैं तब आपको कैसियर
नगदी को इनके आपको सकता है है और कैशियर को आधिकारिक तौर पर टेलर के रूप में भी
जाना जाता । ATM एटीएम भी ठीक इसी तरह आपके लिए काम करती है
लेकिन यह काम ऑटोमेटेकली होता है जिससे हम इसे ऑटोमेटेड टेलर मशीन या स्वचालित
ड्रिल मशीन भी कहते हैं। जिसका उपयोग पैसे को निकालने तथा अन्य फाइनेंशियल
ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है।
ATM का आविष्कार कब हुआ
1960 के दशक में जॉन
शेफर्ड बैरन के मस्तिष्क में एक ऐसी मशीन बनाने का का तरकीब सूझा जिसमें 24 घंटे
पैसे निकाला जा सके और साथ है अपने बैंक खाता से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां प्राप्त
कर सकें। तत्पश्चात उन्होंने अपने इस नए आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया आखिरकार
सन 1967 में उन्हें सफलता मिली। दुनिया के सबसे पहले एटीएम का आविष्कार 1967 मैं
जॉन शैफर्ड बैरन के द्वारा लंदन शहर में हुआ था । 27 जून 1967 को लंदन में बार एक बैंक
की शाखा में संसार का प्रथम एटीएम लगाया गया जो कि जॉन सेफड बैरन के द्वारा
निर्मित था।
एटीएम से संबंधित एक प्रश्न
है जिसके बारे में शायद आपने भी कभी अवश्य
ही सोचा होगा की एटीएम का पिन हमेशा 4 अंक का ही क्यों होता है इसके पीछे
की एक रोचक कहानी है। पहले जॉन सेफड बे्रन्ने एटीएम में 6 डिजिट का पिन दिए थे
लेकिन बैरन की पत्नी को 6 डिजिट वाले पिन को याद करने में काफी तकलीफों का सामना
करना पड़ा पड़ता था जिसकी फल स्वरुप उन्होंने इसे 4 अंक का बना दिया तब से वर्तमान तक
पिन 4 अंक का ही होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता
दें कि जॉन शेफर्ड बैरन भारतीय मूल के थे। इनका जन्म 23 जून 1925 को भारत देश के
मेघालय राज्य के राजधानी शिलांग में हुआ था।
भारत में पहला एटीएम कहां लगा
भारत में सबसे पहला एटीएम
सन 1987 को मुंबई में लगाया गया था। या एटीएम मुंबई में स्थित हांगकांग शंघाई
बैंकिंग कारपोरेशन (HSBS) बैंक
की एक शाखा में लगाई गई थी। जिसको लेकर संपूर्ण भारतवर्ष में उत्सुकता थी। 1987 से
लेकर आज तक भारत में एक लाख से अधिक एटीएम लगाए जा चुके हैं । वर्तमान मैं स्टेट
बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम का संख्या भारत में सर्वाधिक है। इसके अलावा कई अन्य
महत्वपूर्ण भारतीय बैंक जैसे कि पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ
इंडिया, ICICI Bank इत्यादि
के एटीएम भी आपको भारत के हर नगर तथा महानगरो में मिल जाएंगे।
एटीएम का उपयोग
एटीएम का उपयोग कई तरह के बैंकिंग
गाड़ी में अब किया जाने लगा है जोकि निम्नलिखित दिया गया है :-
·
एटीएम का
उपयोग पैसे निकालने में किया जाता है।
·
एटीएम का
उपयोग डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर में भी किया जाता है।
·
एटीएम का
उपयोग बैंक खाता की उपलब्ध राशि और मिनी स्टेटमेंट जैसी जानकारियां प्राप्त करने
के लिए भी किया जाता है।
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एटीएम का
उपयोग अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए भी किया जाने लगा है जिसके अंतर्गत हम ऑनलाइन
शॉपिंग, मोबाइल रिचार्ज, DTH bill, बिजली बिल, तथा कई अन्य तरह के बिलों का भुगतान भी
कर सकते हैं।
·
आजकल एटीएम
मशीन से आप अपने खाता में डायरेक्ट पैसे जमा भी करने की सुविधा का लाभ ले सकते
हैं।
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